Friday, 2 June 2017

UPSC CSE 2016 के शीर्ष तीन टॉपर्स की पूरी कहानी।

IAS टॉपर्स 2016

Jun 2, 2017

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31 मई 2017 को संघ लोक सेवा आयोग ने CSE 2016 का परिणाम घोषित किया है जिसमें लगातार तीसरी बार महिलाओं ने UPSC IAS परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया है।  ईरा सिंघल 2014 सिविल सर्विसेज परीक्षा में शीर्ष स्थान पर थीं, जबकि टीना डाबी पिछले वर्ष 2015 की सिविल सर्विसेज परीक्षा में शीर्ष स्थान पर रही थीं।

इस साल कर्नाटक की नंदिनी के आर ने शीर्ष स्थान हासिल किया है, उसके बाद अमृतसर के अनमोल शेर सिंह बेदी और गोपालकृष्ण रोनंकी क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर हैं। इस बार कुल 1099 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है जबकि 61 उम्मीदवारों का परिणाम अनंतिम (प्रोविज़नल) रूप से घोषित किया गया है।

UPSC CSE 2016 के शीर्ष तीन टॉपर्स इस प्रकार हैं।

1. नंदिनी के आर

सिविल सेवा परीक्षा 2014 के संस्करण में नंदिनी ने 894वीं रैंक प्राप्त की थीं। अपनी उत्साह व्यक्त करते हुए नंदिनी ने कहा कि, "मैं हमेशा से एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (IAS) अधिकारी बनना चाहती थी"। सिविल परीक्षा की तैयारी के बारे में नंदिनी ने कहा कि उन्होंने कभी घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं की, बल्कि एक निश्चित लक्ष्य बनाकर पढ़ाई करती थीं। उनका कहना है कि सब्जेक्ट भले ही कोई भी हो, तैयारी अच्छी हो तो सफलता निश्चित रूप से मिल सकती है

नंदिनी कर्नाटक के कोलार (स्वर्ण खनन के लिए प्रसिद्ध) की निवासी हैं तथा वर्तमान में राजस्व सेवा अधिकारी (IRS) हैं जो कि अपने परिवीक्षा काल के दौरान फरीदाबाद स्थित नेशनल अकादमी ऑफ कस्टम एक्साइज एंड नारकोटिक्स (NACEN) में पिछले पांच माह से प्रशिक्षण ले रही हैं।  नंदिनी इस बार अपने चौथे प्रयास में IAS परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त करने में सफल रहीं। उसने पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा है कि "यह एक सपना था जो आज सच हो गया है। मैं हमेशा से एक आईएएस अधिकारी ही बनना चाहती थी"। नंदिनी ने वैकल्पिक विषय के तौर पर कन्नड़ साहित्य का एग्जाम दिया था।

नंदिनी एमएस रमियां इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, बेंगलुरु से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं इंजीनियरिंग के बाद कर्नाटक के पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी कर ली। उनके पिता कर्नाटक के कोलार ज़िले के शिक्षक हैं। नंदिनी ने शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से की है। बारहवीं की पढ़ाई के लिए वो चिकमंगलूर ज़िले के मूदाबिदरी आईं और 94.83 प्रतिशत अंक हासिल किए। वो ओबीसी कैटेगरी से हैं।

2. अनमोल शेर सिंह बेदी

एक शिक्षाविद के 23 वर्षीय पुत्र अनमोल शेर सिंह बेदी ने ओवरआल दूसरे स्थान पर तथा पुरुष वर्ग में टॉप किया है।खास बात ये है कि उन्होंने ये कारनामा पहले ही प्रयास में कर दिखाया है। उन्होंने दिल्ली में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की थी। अनमोल बीआईटीएस पिलानी, राजस्थान से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग स्नातक हैं। उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई अमृतसर के स्प्रिंगडेल स्कूल से की है।

अनमोल के पिता डॉ सरबजीत सिंह बेदी एक शिक्षाविद हैं तथा मां जस्सी बेदी एक गैर सरकारी संगठन में काम करती हैं। वह अपने सफलता का श्रेय अपने परिवार को देते हैं तथा अपनी इस अद्भुत प्रदर्शन के लिए विशेषकर अपनी बहन गुरसिमरन कौर बेदी को हिस्सेदार मानते हैं।

अनमोल दिन में लगभग आठ घंटे अध्ययन करना पसंद करते थे और केवल किसी एक विशेष रणनीति को न अपना कर बल्कि कई रणनितियों को तैयारी के दौरान अपनाए। UPSC सिविल सेवा में सेवाओं में उनकी रुचि भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) है।

3. गोपालकृष्ण रोनंकी

गोपालकृष्ण रोनंकी एक किसान के पुत्र हैं और उन्होने UPSC CSE 2016 में तीसरा स्थान प्राप्त करने में सफल हुए हैं।  गोपालकृष्ण आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक दूरदराज के गांव के निवासी हैं। 

30 वर्षीय गोपालकृष्ण रोनांकी श्रीकाकुलम जिले के पलासा ब्लॉक के पारसम्बा गांव के एक किसान रोनंकी अप्पा राव के पुत्र हैं। कोचिंग के बिना ही उन्होंने यह कारनामा कर दिखाया। एग्जाम के लिए उन्होंने कोई क्लासरूम या कोचिंग अटेंड नहीं किया।

रोनांकी ने विजाग से फार्मेसी में स्नातक किया है और नेपर, मोहाली से एमबीए की डिग्री हासिल की है। उन्होंने तेलुगू-माध्यमिक विद्यालय में अपनी पढ़ाई की और तेलुगू भाषा में हीं UPSC Interview भी दिया। IAS Mains परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय तेलगु साहित्य था। गोपाल कृष्ण रोनांकी ने स्थानीय सरकारी स्कूल से पढ़ाई की। परिवार की गरीबी का आलम यह है कि गोपाल को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ग्रैजुएशन करना पड़ा। इतना ही नहीं, परिवार को आर्थिक सहारा देने के लिए उन्होंने श्रीकाकुलम में एक स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। हालांकि सिविल की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाने की वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दी और हैदराबाद आ गए।

1 comment:

  1. Bahut hi prernedayak. Mai kayee bar UPSC syllabus dekhkar himmat har jata hu. Lekin ye sahas se bhari kahaniya phir se utsah bhar deti hai. Thanks

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